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लहू हमें मसीह में ले आया।


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यह लेख “परमेश्वर की विरासत” पर ध्यान केंद्रित करता है, न केवल उन लोगों के लिए जो ईसाई समुदाय में पैदा हुए हैं बल्कि उन पर भी जो विश्वास करते हैं। उसकी विरासत में, लहू के बलिदान की भूमिका दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।


“यदि पहिली वाचा निर्दोष होती, तो उसके स्थान पर दूसरी वाचा की आवश्यकता न होती” (इब्रानियों 8:7)। “जब परमेश्वर एक “नई” वाचा की बात करते हैं, तो इसका अर्थ है कि उसने पहले को अप्रचलित (प्राचीन या पुराना बनाने के लिए) कर दिया है। वह अब पुराना हो गया है और शीघ्र ही मिट जाएगा” (वचन 13)।


मिलापवाले तम्बू के उदाहरण के द्वारा लेखक द्वारा पहली वाचा और नई वाचा के बारे में उल्लेख करने के बाद; जिसका अर्थ “अराधना की सच्ची जगह है” (8:2), उसने दो “तम्बू” की ओर इशारा किया, पहला सांसारिक तम्बू (9:1-10) और दूसरा स्वर्गीय तम्बू (9:11-22)। मिलापवाले तम्बू का मूल्य हमारे लिए समझना बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि यीशु के शिष्य ‘यीशु के रूपान्तरण’ के समय, पतरस ने उससे कहा कि “प्रभु, हमारे लिए यहाँ होना अद्भुत है! यदि आप चाहो, तो मैं तीन मण्डपों को यादगार के रूप में बनाऊँगा – एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक एलिय्याह के लिए” (मत्ती 17:4; मरकुस 9:5; लूका 9:33)।


इब्रानियों के लेखक, “वे उपासना की ऐसी व्यवस्था में सेवा करते हैं जो स्वर्ग में वास्तविक की एक प्रतिरूप, छाया है। क्योंकि जब मूसा मिलापवाले तम्बू के निर्माण की तैयारी कर रहा था, तो परमेश्वर ने उसे यह चेतावनी दी: “देख, सब कुछ उस नमूने के अनुसार बनाना जो मैं ने तुझे यहां पहाड़ पर दिखाया है” (8:5)। “मूसा की व्यवस्था के अधीन पुरानी व्यवस्था केवल एक छाया थी, आने वाली अच्छी बातों का धुंधला पूर्वावलोकन, न कि स्वयं अच्छी बातें। व्यवस्था के तहत बलिदान साल-दर-साल दोहराया जाता था, लेकिन वे कभी भी उन लोगों के लिए पूर्ण शुद्धिकरण प्रदान करने में सक्षम नहीं थे जो पूजा करने आते हैं” (10:1; निर्गमन 25:40)। और रूपान्तरण के समय परमेश्वर ने चेलों से कहा, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जो मुझे बहुत आनन्द देता है। उसकी सुनो” (मत्ती 17:5; मरकुस 9:7; लूका 9:35)। साथ ही यीशु के बपतिस्मे का समय, “स्वर्ग से यह वाणी आई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, और तू मुझे बड़ा आनन्द देता है” (मरकुस 1:11; लूका 3:22)।


इब्रानियों का लेखक लहू के बलिदान 9:22 के साथ तम्बू की बात को सामने लाया, “वरन मूसा की व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब कुछ लहू के द्वारा शुद्ध किया गया था। क्योंकि लहू बहाए बिना क्षमा नहीं होती” (लैव्यव्यवस्था 17:11)। पद 23-28 से, उसने रक्त के बलिदान के बारे में उल्लेख किया, यीशु मसीह का लहू जो उनके लिए और आज हमारे लिए नई वाचा है। जैसा कि पद 28क कहता है, “मसीह बहुत लोगों के पापों को उठा लेने के लिए बलिदान के रूप में हमेशा के लिए एक बार मरा” (1 पतरस 2:24)।


यह नई वाचा परमेश्वर ने यीशु मसीह के लहू से बाँधी है। भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने लिखा है कि ‘यहोवा ने कहा है, “मैं इस्राएल और यहूदा के लोगों से नई वाचा बान्धूंगा, और अपनी शिक्षाओं को उनके हृदय में समवाऊंगा, और उन्हें उनके हृदय पर लिखूंगा” (यिर्मयाह 31:31, 33)। मत्ती रचित सुसमाचार 26:28 में, “यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है” (लूका 22:20)। इब्रानियों 10:15-17, “पवित्र आत्मा भी गवाही देता है, कि ऐसा ही है।“


अब तम्बू में बलिदान की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इब्रानियों 10:18 कहता है कि “और जब पाप क्षमा किए गए, तो और बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता नहीं।“ प्रेरित पौलुस ने इफिसियों 2:11-19 में लिखा, “यह मत भूलो, कि तुम अन्यजाति लोग भी परदेशी हुआ करते थे” (वचन 11क)’ “परन्तु अब तुम मसीह यीशु में एक हो गए हो। तुम पहिले तो परमेश्वर से बहुत दूर थे, परन्तु अब मसीह के लहू के द्वारा उसके निकट हो गए हो” (वचन 3)। “वह तुम अन्यजातियों के लिए जो उस से दूर थे, और उन यहूदियों के लिए जो निकट थे, शान्ति का यह सुसमाचार सुनाया। अब हम सब उसी पवित्र आत्मा के द्वारा जो मसीह ने हमारे लिये किया है उसके कारण पिता के पास आ सकते हैं” (वचन 17-18)। “और यह परमेश्वर की योजना है: गैरयहूदी और यहूदी दोनों, जो सुसमाचार पर विश्वास करते हैं, परमेश्वर की सन्तानों को विरासत में मिले धन में समान रूप से हिस्सा लेते हैं। दोनों एक ही देह के अंग हैं, और दोनों आशीषों की प्रतिज्ञा का आनन्द उठाते हैं, क्योंकि वे मसीह यीशु के हैं” (3:6)।

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