कबूतर; “बलिदान” और “प्रेम”
- Rahul Dhingiya
- Nov 2, 2023
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आप कबूतर के बारे में क्या सोचते हैं? मैंने कुछ लोगों से पूछा, कबूतर के बारे में हमारी सामान्य समझ विभिन्न प्रकार से हैं। इस लेख के माध्यम से, अपने पाठकों को बताना चाहता हूं कि कबूतर “पापबलि” और परमेश्वर के “महान प्रेम” को दिखाता है। कैसे, आइये नीचे पढ़ते हैं –
पवित्र बाइबल में कई स्थानों पर “कबूतर” शब्द, विभिन्न रूपों से लिखा गया है; बाढ़ के समय पर (उत्पत्ति), एक भेंट के रूप में (लैव्यव्यव्स्था), विश्राम के रूप में (भजन संहिता), एक प्रेमी के रूप में (श्रेष्ठगीत), आसानी से धोखा खा जाने वाले के रूप में (होशे), और आदि।
यूनानी शब्द “पेरिस्टेरा” (περιστερά) और इब्रानी शब्द “योना” (יוֹנָה) जिनका एक ही अर्थ है “कबूतर या पण्डुक।” यह यीशु मसीह के बपतिस्मा का समय था, जहाँ दो बातें घटी; एक, आत्मा यीशु मसीह पर उतरा, और दूसरी, स्वर्ग से एक आवाज़ आई। चारों सुसमाचार हमें बताते है कि “आत्मा कबूतर के समान यीशु मसीह पर उतरा” (मत्ती 3:16; मरकुस 1:10; लूका 3:22; यूहन्ना 1:32)। यूहन्ना रचित सुसमाचार में, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला ने यीशु मसीह के बारे में गवाही दी; “आत्मा एक कबूतर की तरह यीशु मसीह पर उतर रहा है” और “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है” (यूहन्ना 1:29)। और “यही परमेश्वर का पुत्र है” (यहुन्ना 1:34)।
क्या आप कबूतर के चिन्ह के बारे में जानने में रुचि रखते हैं; यहाँ कबूतर के बारे में व्यवस्था क्या कहती है, “पर यदि किसी में भेड़ या बकरी देने की सामर्थ ना हो, तो अपने पाप के कारण दो पण्डुक या कबूतरी के दो बच्चे दोषबलि चढ़ाने के लिए यहोवा के पास ले आए, उनमें से एक तो पापबलि के लिए और दूसरा होमबलि के लिए” (लैव्यव्यवस्था 5:7)। व्यवस्था के अनुसार कबूतर को “पापबलि” के बलिदान के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इसके परिणामस्वरूप पवित्र स्थान की शुद्धि होती है और परमेश्वर से मेल-मिलाप होता है। व्यवस्था में उल्लेख किया गया है कि यह क्षमा प्राप्त करने के लिए था, “तब दूसरे पक्षी को वह विधि के अनुसार होमबलि करे, और याजक उनके द्वारा किए गए पाप के लिए प्रायश्चित करेगा, और तब वह क्षमा किया जाएगा” (लैव्यव्यवस्था 5:8–10)।
जानवरों या पक्षियों का बलिदान पाप को दूर नहीं कर सकता या मनुष्य के हृदय को नहीं बदल सकता। कबूतर का संकेत सम्पूर्ण बलिदान, यीशु मसीह की ओर इशारा करता है (इब्रानियो 10:5-7)। यीशु मसीह को देखने के बाद यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला ने कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।” यीशु मसीह हमारा पापबलि का बलिदान है जो जगत के लिए पापों की क्षमा के लिए हैं (मत्ती 26:26-28)।
वही इब्रानी शब्द (יוֹנָה) भविष्यवक्ता योना के लिए इस्तेमाल किया गया है, जिसका अर्थ है “कबूतर।” उन्होंने स्पष्ट किया कि परमेश्वर केवल यहूदी मनुष्य ही नहीं परन्तु हर एक क्षेत्र में रहने वाले मनुष्य के लिए चिन्तित है तथा उनसे प्रेम रखते है (योना 4:11) और बताया कि “उद्धार परमेश्वर ही से होता है” (योना 2:9)। प्रेरितों के काम 4:12 कहता है कि “स्वर्ग के नीचे मानवजाति को दिया गया कोई दूसरा नाम नहीं है, जिससे हम उद्धार पा सकें।” व्यवस्था और परमेश्वर के भविष्यवक्ता हमें “पाप बलि” के रूप में यीशु मसीह के बलिदान के माध्यम से उद्धार की योजना के बारे में बताते हैं।
जब “परमेश्वर का आत्मा कबूतर की तरह यीशु मसीह पर उतरा, और स्वर्ग से आवाज आई: यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रेम रखता हूं।” इसके द्वारा परमेश्वर ने अपने महान प्रेम को प्रगट किया, “जब हम पापी ही थे तब परमेश्वर ने यीशु मसीह को हमारे लिए बलिदान होने के लिए भेजकर हमारे प्रति अपना महान प्रेम दिखाया” (रोमियों 5:8)।
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